हस्तरेखा शास्त्र, जिसे अंग्रेज़ी में Palmistry या Chiromancy कहा जाता है, एक प्राचीन विद्या है जिसके माध्यम से मनुष्य के हाथ की रेखाओं, उभारों और अंगुलियों का अध्ययन कर उसके स्वभाव, सोच, स्वास्थ्य और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। यह विद्या भारत, चीन, मिस्र और यूनान जैसी सभ्यताओं में हजारों वर्षों … Continued
Read More >हस्तरेखा शास्त्र एक प्राचीन विद्या है जो व्यक्ति के हाथ की रेखाओं, पर्वतों और आकारों के माध्यम से उसके स्वभाव, विचारधारा और भविष्य के बारे में जानने का दावा करती है। हालांकि यह विद्या सदियों से प्रचलित रही है और भारत, चीन, मिस्र तथा यूनान जैसी सभ्यताओं में इसका गहरा महत्व रहा है, परंतु वैज्ञानिक … Continued
Read More >हस्तरेखा शास्त्र में पर्वत (Mounts) हथेली में उन उभरे हुए भागों को कहा जाता है जो अंगुलियों के नीचे स्थित होते हैं। ये पर्वत हथेली की ऊर्जा केंद्र माने जाते हैं और प्रत्येक पर्वत किसी ग्रह या शक्ति से जुड़ा होता है, जैसे शुक्र पर्वत, गुरु पर्वत, शनि पर्वत, बुध पर्वत आदि। इन पर्वतों की … Continued
Read More >जीवन रेखा (Life Line)
यह रेखा अंगूठे के पास से शुरू होकर हथेली के निचले हिस्से की ओर जाती है।
यह व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण बदलावों को दर्शाती है।
यह रेखा लंबी हो या छोटी, इसका जीवन की लंबाई से कोई सीधा संबंध नहीं होता।
हृदय रेखा (Heart Line)
यह रेखा छोटी उंगली के नीचे से शुरू होकर तर्जनी या मध्यमा उंगली की ओर जाती है।
यह भावनाओं, प्रेम संबंधों और हृदय की संवेदनाओं को दर्शाती है।
गहरी, साफ और लंबी रेखा भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है।
मस्तिष्क रेखा (Head Line)
यह रेखा तर्जनी और अंगूठे के बीच से शुरू होती है और हथेली के मध्य से होकर जाती है।
यह सोचने की शैली, बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता को दर्शाती है।
अगर यह रेखा सीधी हो तो व्यक्ति तर्कशील होता है और यदि मुड़ी हुई हो तो कल्पनाशील माना जाता है।
भाग्य रेखा (Fate Line)
यह रेखा हथेली के नीचे से ऊपर की ओर जाती है, कभी-कभी मस्तिष्क या हृदय रेखा को काटती है।
यह रेखा करियर, जीवन के उतार-चढ़ाव और भाग्य के प्रभाव को दर्शाती है।
यह हर व्यक्ति के हाथ में नहीं होती और इसका न होना यह नहीं दर्शाता कि व्यक्ति भाग्यहीन है।